शब्दों के चित्र
शब्दों के चित्र
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
1 min
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
502
कागज पर जो उकेरे थे मैंने,
शब्दों के चित्र,
यथार्थ की कूची ले कर,
कल्पनाओं के रंग भरे थे,
मन के भाव और
आत्मा के अहसास
लिखे थे।
तुम देख कर भी
ना पढ़ पाए,
और पढ़ कर भी
ना समझ पाए।।