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Ekta Kochar Relan

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Ekta Kochar Relan

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शांति की सुंगध फैला तू

शांति की सुंगध फैला तू

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शांति की सुंगध फैला तू

विवादों के फैसले में मत पड़ तू,

हिन्दू हो या मुस्लिम

शांति की सुंगध फैला तू,

मेरे भारत की संस्कृति में 

अपनेपन की थी नींव

उन जड़ों को खोखला मत कर तू,

शुक्र कर उस प्रभु का 

जिसने तुझे बख्शा है 

ये जीवन

हवा का रुख कैसा भी हो

मौसम मत बदल तू,

वाहे गुरु कह के पूजा उसे

या फिर कह अल्लाह

ऊँ कह या फिर कह यीशु

मजहब के नाम दिलों में

नफ़रतें मत भर तू,

सब की नज़रें टिकी है 

फैसले पर," ऐ मानव"

तू मानव ही रहना

शांति की सुंगध फैला तू,

राम हो या अल्लाह 

बसा है हर दिल में

अपनी नज़र को ही बदल

तू विवादों में मत पड़ तू

शांति की सुंगध फैला तू।



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