शाहीन बाग
शाहीन बाग
शाहीन बाग
एक कशमकश है
एक मैनेजमेंट है
और यह शामिल है
यहाँ से निकलती हुयी आवाज में
जान दे देंगें लेकिन डिटेंसन सेंटर नहीं जाएंगे
यहाँ दुनिया की सबसे बड़ी महामारी
कॅरोना का आना मुश्किल है।
एक आत्मघाती दस्ते की
लोकतांत्रिक आवाज
अविश्वास लोकतंत्र में
धर्म में
और कानून के राज्य में भी।
एक दम अलग अपने पुर्वजों की आवाज से
और सांकृतिक रूप से समृद्ध
धर्म के नाम पर टूटते हुये
अपने ही देश भारत मे रहने के निर्णय के।
शाइन बाग एक कशमकश
,एक मैनेजमेंट
डूबा हुआ प्रतिक्रियाओ की बाढ़ में
तुम्हे गुस्सा आता होगा
आ भी रहा है
हम भी सुन रहे हैं
इनसे निपटने के तुम्हारे मन्सूबे।
इन पर तुम्हारी नजर
इन पर तुम्हारे विचार रूबरू भी हैं हम तुमसे
कितना फर्क है तुममे और हममें
जिनपर तुम्हें आ रहा है
उन पर हमें दया आ रही है,
भला कब्र में पैर लटकाए बैठे किसी
आदमी पर गुस्सा हुआ जाता है?
जरूरत तो है उन्हें कब्र से बाहर निकालने की
उन्हें उनका एहसास दिलाने की,
जीवन खुदा का अद्भुत उपहार है
और ये जीने के लिए है
उस ख़ौफ़ से निकलने के लिए है,
जो निडर होता जा रहा है
और तुम हिन्दू,और मुसलमान की
बात करते जा रहे हो।
वो भी ऐसे जैसे कि ये भारतीय नहीं हैं।
यकीनन नागरिक संशोधन एक्ट
और नागरिक रजिस्टर के निर्माण का रास्ता
शाहीन बाग से होकर गुजरता है।