सदाचार
सदाचार
हर पल जिन्दा रखें यह अहसास
कृति विधाता की हैं हम बेहद खास,
सुकर्म करते रहें जब तक है सांस
रखें सफलता का पूरा ही विश्वास।
धारें सद्गुण और सदा उन्हें ही सराहें
दीखें दुर्गुण तो बदल दें निज राहें,
अंश प्रभु का हर एक जीव में है
खूबियां हैं बड़ी ही सबके पास,
हर पल जिन्दा रखें यह अहसास।
चुन सुपथ हम बनें कर्मयोगी
निर्बलों के ह़ों हम सदा ही सहयोगी,
यातनाएं सन्मार्ग पर चल लाख भोगीं
तुम्हारी पहचान होगी एकदम ही खास।
हर पल जिन्दा रखें यह अहसास................
न हों शोषित न ही शोषण करें हम
बांटें खुशियां और सबके रहें गम,
प्रभु की शुभता धारण करके दिल में
बनें बुझते दीयों की हम आस।
हर पल जिन्दा रखें यह अहसास..............