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Shravani Balasaheb Sul

Others

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Shravani Balasaheb Sul

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सच्ची बात

सच्ची बात

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आसमां में कुछ तारे होते ही हैं टूटने के लिए

दिल में कुछ ख्वाब होते ही हैं पीछे छूटने के लिए

मान जाते हैं कुछ लोग फिर से रुठने के लिए

कुछ रिश्ते होते ही हैं जुड़ के टूटने के लिए


लिखी जाती हैं कुछ बातें मिटाने के लिए

कुछ लोग होते हैं जिंदगी में जिंदगी से हटाने के लिए

मु्श्क़िले बढ़ाते हैं हम अक्सर खुद घटाने के लिए

कुछ करम रह जाते हैं अधूरे समय पर निपटाने के लिए


लोग पतंग की तरह उड़ाते हैं हमें डोर काटने के लिए

दुलार जताते हैं मगर सिर्फ़ डाँटने के लिए

ख़ुशिया मिलती हैं ढेर सारी बाटने के लिए

टूटे दिल को जोड़ता हैं कोई दुबारा काट्ने के लिए

कुछ लफ्जो को कहना जरूरी नहीं उन्हें सुनने के लिए

कभी खामोश हो जाती हैं जुबा कुछ कहने के लिए

डोर टूट जाती हैं कुछ रिश्तों की एक ही बंध में बंधने के लिए

कुछ ख्वाहिशे ख्वाहिशे ही रह जाती हैं उन्हें जिंदगी भर चाहने के लिए


कभी जीते जी मर जाते हैं हम फिर से जीने के लिए

फट जाता हैं अक्सर कलेजा उसे दुबारा सीने के लिए

बिना अलफ़ाजों के होते हैं कुछ गीत जो एहसासो से लिखे जाते हैं गाने के लिए

समझने वाला ही मिल जाए कोई काफिले बहुत हैं समझाने के लिए


कुछ रिश्ते रह जाते हैं अधूरे पूरे होने के लिए

कुछ सपनों को पा लेते हैं हम उन्हें खोने के लिए

होली में सफेद कपड़ों में सवरते हैं रंगों में रंग जाने के लिए

सुकून खोना पडता हैं अक्सर सुकून पाने के लिए।



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