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Rajit ram Ranjan

Others

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Rajit ram Ranjan

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सच में तू इंसान हैं...!

सच में तू इंसान हैं...!

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जाति-धर्म,भेद-भाव, छुआ-छूत,ऊँच-नीच, 

किसी को ना मानने वाला, 

तू ही एक जान है,

भूल मत किसी के बहकावे में आकर

सच में तू इंसान है।


धरती पर जो विवेकवान है, 

सबको परख़ने कि जिसमें पहचान है

क्यूँ बन बैठा अंजान है,

जाग,सपनों की दुनिया से बाहर आ, 

देख ख़ुद को,तू ही तो भगवान है,

क्योंकि मेरे दोस्त, 

सच में तू इंसान है।



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