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Deepa Vankudre

Children Stories Fantasy

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Deepa Vankudre

Children Stories Fantasy

सब्ज परी

सब्ज परी

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दो परियाँ थी सहेलियाँ, 

एक लाल परी एक नीली, 

पंखुडियों से पंख थे उनके, 

मतवाली थी वे रंगीली।


बेलों का झूला बनाती,

फूलों पर थी इतराती,

पत्तों का बिछौना बनाकर,

इंद्रधनुष पर सो जाती।


एक दिन देखा उन्होंने, 

आते परियों का राजकुमार, 

होगी मन की मुराद पूरी, 

दोनों को खूशी हुई अपार।


इतने में एक सियारने 

जाली में उसे फाँस लिया,

रोने लगी परियाँ कहकर, 

"हाय, तुमने क्या किया?"


तभी आयी सब्ज परी, 

देख राजकुमार का संकट,

झट दौड़ पडी छुड़ाने, 

समय था ऐसा बिकट।


जंगल के प्राणी मित्र थे,

उसने चूहों को बुलाया, 

जाली कुतरकर चूहोंने,

राजकुमार को छुडाया। 


खुश होकर राजकुमार ने, 

लिया हाथों में उसका हाथ,

दोनों परियाँ देखती रह गई, 

ले गया सब्ज परी को साथ।


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