वीरपुत्र, तुझे शत शत प्रणाम
वीरपुत्र, तुझे शत शत प्रणाम
लेकर अपना संसार पीठ पर,
सरहद पर तैनात बिना विश्राम,
दिल में देशप्रेम, हाथो में बंदूक,
वीरपुत्र, तुझे शत शत प्रणाम!
आतंकियों पर आवेग से,
फौलादी छाती से लड़ते हो,
करते हो वार ललकार कर,
मातृभूमी को हमेशा स्मरते हो!
शौर्य पदक विराजित सिने पर,
न देख सका कोई घाँव तुम्हारा,
शत्रू का आक्रमण थोंपते हो,
तत्पर, संरक्षण करने हमारा।
माँ, बहन, अर्धांगिनी के,
प्रेम की यादों को धैर्य बनाकर,
बेखौफ आगे बढ़ते रहते हो,
दुश्मन की धज्जियाँ उडाकर!
अविरत श्रम कर प्रशिक्षित,
भारत माँ के संतान की कथा,
क्षण आखिरी आता है जब,
कौन जान सका तुम्हारी व्यथा?
