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Akanksha Gupta (Vedantika)

Others

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Akanksha Gupta (Vedantika)

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सैनिक।

सैनिक।

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एक बार जब चल रहा था देशभक्ति का प्रोग्राम,

जिसे देख नत्थू को चढ़ गया एक विचित्र बुखार।


ऐलान कर दिया देने जाएंगे परीक्षा सैनिक भर्ती की,

होंगे सेना में शामिल मिसाल बनेंगे देशभक्ति की।


दिन रात मेहनत करते हुए खून पसीना एक किया,

जिसने भी देखा उसने झुककर सलाम किया।


किसी तरह वह पहुंचे परीक्षा के अंतिम छोर तक,

एक पल का विश्राम नहीं रात्रि से भोर तक।


बर्फ से ढके पहाड़ों पर हुआ जब परीक्षा का आरंभ,

नत्थू जी लगे इतराने होने लगा सफलता का दम्भ।


दिन के साथ साथ सूर्य का तापमान भी घटता गया,

चूर चूर हुआ दम्भ अभिमान भी मिटता गया।


सरल नही एक सैनिक का जीवन उनको समझ आ गया,

देशभक्त और एक सैनिक के बीच का अंतर उनको भा गया।


नही हो सकता है कोई मुकाबला एक सैनिक के जज्बे का,

वह एक वीर योद्धा है अपनी इस भारत माता का।



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