STORYMIRROR

Anjana Singh (Anju)

Others

4  

Anjana Singh (Anju)

Others

सावन

सावन

1 min
104

रिमझिम बरस रहा है सावन

भींग उठा सारा तन मन

धरा ने डाली हरी चुनरियॉं

इठलाती जैसे गांव की गोरियां


बूंदों पर छाया खुमार

कलियों पर खिला उभार

सुनों पपीहे की गुहार

यौवन पर है चढ़ा निखार


सुन एक विरहन की पुकार

जो दिखती आसमां के पार

ना कोई समझें ना कोई जानें

कोई तों दिल को पहचानें


लुकती छिपती बदली को

एक विरहन की ऑंखें देख रही

कब बरसेंगी बुॅंदे

ये आशाएं घेर रहीं


अबकी सावन ऐसा आया

ना कोई झूमा ना कोई गाया

प्रकृति ने बहुत रिझाया

पर हमनें भी मन को समझाया


माना धरा के मानस पटल पर

प्रकृति ने खूबसूरत चित्र उखेरा है

पर सखियों के अनुपस्थिति ने

मन को बहुत उधेड़ा है


वक्त ने ऐसा खेल रचाया

कुछ अच्छा कुछ बुरा है पाया

परिवार के साथ खुश रहें हम

ये भी तों सौभाग्य है पाया


वक्त एक दिन करवट लेगा

ये दिन भी कट जाएंगे

हम इंतजार करेंगे 

उन सुखद पलों का

वो प्यार भरा सावन

फिर आएगा!


Rate this content
Log in