" साजन की याद "
" साजन की याद "
मुझे भूल गए ,मुझे भूल गए
मेरे आंसू केवल बहते हैं,
मुझे भूल गए ,मुझे भूल गए
मेरे आंसू केवल बहते हैं।
बीते दिन और बीती रातें ,
हम भूले नहीं अपनी बातें,
बीते दिन और बीती रातें ,
हम भूले नहीं अपनी बातें।
अब जीना भी दुशवार हुआ ,
तुम हमको जाकर भूल गए,
मुझे भूल गए ,मुझे भूल गए
मेरे आंसू केवल बहते हैं,
मुझे भूल गए ,मुझे भूल गए
मेरे आंसू केवल बहते हैं।
सावन नैनों से बहते हैं ,
मुझे रैन बिरह के लगते हैं,
सावन नैनों से बहते हैं ,
मुझे रैन बिरह के लगते हैं।
बिरह व्यथा मैं किस से कहूँ ?
तुम हमको जाकर भूल गए
मुझे भूल गए ,मुझे भूल गए
मेरे आंसू केवल बहते हैं।
मुझे भूल गए ,मुझे भूल गए
मेरे आंसू केवल बहते हैं।
ये चांदनी रात बनी सौतन ,
तेरे बिन मुरझाया यौवन,
ये चांदनी रात बनी सौतन ,
तेरे बिन मुरझाया यौवन ।
यह मिलन रात की आयी घड़ी
तुम हमको जाकर भूल गए ,
मुझे भूल गए ,मुझे भूल गए
मेरे आंसू केवल बहते हैं ,
मुझे भूल गए ,मुझे भूल गए।
मेरे आंसू केवल बहते हैं।