साधु का जादू
साधु का जादू
साधु का जादू
सुनसान खेत में
गीली रेत में
मिट्टी से भरे पैर
कर रहा था सैर
अचानक से पैर मिट्टी में गए धँस
बुरी तरह मैं गया था फँस
चिल्लाया और खूब मचाया शोर
पैर निकालने को लगाया पूरा जोर
रेत खोदी कस्सी से
ट्रेक्टर ने खींचा रस्सी से
शरीर गिर पड़ा आगे
पाँव रह गए जमीन में
लोग डर कर भागे
कद मेरा हो गया था नाटा
कुतों ने आकर पैरों को चाटा
पत्थर मार कुत्तों को भगाया
रोना-धोना छोड़ दिमाग लगाया
पाँव जमीन में थे काफी नीचे
मैंने हाथों का जोर लगा खींचे
जान के पड़ गए थे लाले
पहुँच गए वहाँ कई पुलिसवाले
इतने में एक साधु आया
अलख निरंजन बोल एक उपाय सुझाया
बाँसुरी बजा कर किया एक जादू
लगते थे बिल्कुल मेरे दादू
फेवी क्विक से मेरे पाँव चिपकाए
इसके बाद कई नेता अभिनेता आए
बोले तुमने आज खाना नहीं खाया
इसीलिए यह दुख पाया
पुलिसवालों ने बजाई ताली
आ गई भोजन की थाली
साधु ने पोटली से निकाली राख
बोला मेरी फीस है एक लाख
मैंने कहा ये तो है ज्यादा
कर दो कृप्या इसका आधा
साधु ने निकाली कुते की टाँग
बोला दो लाख में है इसकी माँग
पुलिसवाले बोले साधु कह रहा सही
मैं बोला फेवी क्विक से बढ़िया लगा लेता दही
कोट पेन्ट का साधु ने लिया वेश
बोला आज ही जाना है विदेश
साधु बोला अमेरिका में पड़ेगा मेरा वोट
मैंनें भी थमा दिए नकली नोट
साधु का जादू था असली
कीचड़ में मेरी टाँगे फिसली
पँव टूट कर हो गए दो हिस्से
नींद में चलते रहे और कई किस्से
बेफिजूल की बातें व विचार
कर देते हैं सारी नींद बेकार
सब कुशल से रहें
पराया हो या अपना
कभी किसी को न आए
बुरा ख्वाब व सपना
