रुलाना बुरा है
रुलाना बुरा है
रोने का काम लडकियों के जिम्मे
रहतीं है उनकी आँखे नम आंसुओं से
शायद हमें अच्छी ही लगतीं हैं
रोती हुई लडकियाँ
लड़की हँसे तो लगती है
ताड़का सूर्पनखा सी
यानि
लड़की की हँसी
एक विद्रूप है
असभ्यता है
लड़कों को रोना नहीं चाहिए
यह पुरुषार्थ हीनता है
कमजोरी का प्रदर्शन
निर्वीर्य होने का प्रमाण
क्योंकि
लड़कों के जिम्मे रोना नहीं
रुलाना है
बचपन में माँ को
किशोरावस्था में बहिनों को
जवानी में पत्नी को
और
बुढ़ापे में बहू को
जाने
कब समझेंगे लड़के
रोना बुरा नहीं
रुलाना बुरा है