रथगाडी
रथगाडी
निकल पड़ी है रथगाडी अब,जय कारा सभी लगाओ।
आएंगे जगन्नाथ प्रभु जी,घर घर दीप जलाओ।।
दसों दिशाएं धूम मची है,बजते है ढोल नगाड़ा।
दुतिया निकले सजधज तीनो,रथ पहुंचे देख बहाड़ा।।
लगते मेला गाँव गली में,खुशियोँ तुम सभी मनाओ।
निकल पड़ी है रथगाडी अब,जय कारा सभी लगाओ।।
संग चले बलराम सुभद्रा,पीछे है भक्तन सारे।
देख सुधा नित पावन करती,छूटे सब पाप हमारे।।
समय यही है अब तो आओ,आकर तुम भाग जगाओ।
निकल पड़ी है रथगाडी अब,जय कारा सभी लगाओ।
करलो कीर्तन पूण्य मिलेगा,शुभ दिन ऐसा आया है।
कष्ट हरेंगे नाथ हमारे,झंडा अब लहराया है।।
फूल बिछा दो गली सड़क में,मन्दिर नव कलश सजाओ।
निकल पड़ी है रथगाडी अब,जय कारा सभी लगाओ।।