रोटी
रोटी
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जानता हूं सामने मौत खड़ी है
पर रोटी तू सबसे बड़ी है।
अपने अंत को भी अनदेखा किया है मैंने
सवाल पेट का हैं,फिर भी जिंदगी अड़ी है,
आगे तो पूरी जिंदगी पड़ी है,
पर क्या करूं हाथों में मजबूरी की घड़ी है,
हालात तो बदलने चाहिए
पर कैसे, किसके पास जादूई छड़ी है,
दुनिया को तो बस पैसों का नशा चढ़ा है
सच में रोटी तू सबसे बड़ी है।
तेरी भूख भी बहुत कड़ी है,
ज्यादा कमाने वाले को नशा चढ़ा है,
मजदूरों को रात की पड़ी है।
तुझे पाने के लिए जिंदगी ही
ताव पर लगानेवालों के लिए
रोटी तू सबसे बड़ी है।