Hemisha Shah
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रिश्तों की पोटली...उठाएंगे जब
बहुत सारे रिश्ते संजोयेंगे तब...
कहीं कुछ गहराई पाए
कहीं कोई दिल से ना भाये
चेहरे पे चेहरो की ये दुनिया
दर्पन देखूं तो क्या सच्चाई पाएंगे हम?
सही रिश्तों को जान पाएंगे हम?
अनजाना....
परियाँ....
बचपन....
यात्रा
वही तो प्रेम ...
याद..(शहीदों ...
अच्छी है दूरि...
एक माँ ...
विधाता तेरी क...
अन्नदाता..( f...