STORYMIRROR

Pratibha Bilgi

Others

5.0  

Pratibha Bilgi

Others

रहगुज़र

रहगुज़र

1 min
158



काश हमें भी मिलता कोई रहगुज़र,

जो देता हमारी जिंदगी सँवर ।


न आया हमारी जिंदगी में ऐसा मोड़,

तो हमनें भी वह खयाल दिया छोड़ ।


सोचा था कट जाएगी जिंदगी किसी तरह ,

पर किस्मत को नामंजूर था यह ।


हमने लुटाया यह दिल किसी पे,

और अब पछता रहे हैं खोके।


कभी सोचते हैं अकेले ही भले थे,

कोई ना सही साए तो अपने साथ थे !



Rate this content
Log in