रहगुज़र
रहगुज़र
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काश हमें भी मिलता कोई रहगुज़र,
जो देता हमारी जिंदगी सँवर ।
न आया हमारी जिंदगी में ऐसा मोड़,
तो हमनें भी वह खयाल दिया छोड़ ।
सोचा था कट जाएगी जिंदगी किसी तरह ,
पर किस्मत को नामंजूर था यह ।
हमने लुटाया यह दिल किसी पे,
और अब पछता रहे हैं खोके।
कभी सोचते हैं अकेले ही भले थे,
कोई ना सही साए तो अपने साथ थे !