राजा और मोहरे
राजा और मोहरे
एक राजा का वजूद,
उसकी प्रजा से है, उसकी जनता से है,
अगर जनता नहीं तो उसे,
खास से आम वक्त नहीं लगता,
शक्ति को कायम रखने के लिए,
अलग-अलग मोहरों का साथ चाहिए,
शक्तिशाली बने रहना है तो,
छोटी शक्तियों को समेट कर रखना चाहिए,
जरा सी असावधानी सारा खेल,
बिगाड़ सकती है।
वास्तविक जीवन में मोहरे अक्सर,
वफादार नहीं होते,
अपने हित के लिए पाला बदलने वाले होते हैं।
अपनी शक्ति बनाये रखने के लिए,
समय-समय पर मोहरों को पोषित करे।
वो मोहरे राजा का रक्षा कवच होते हैं,
अगर राजा ने मोहरों को अनदेखा किया,
तो एक दिन सब मोहरे खत्म हो जायेगे,
और राजा अकेला रह जायेगा।
अकेला राजा अधिक समय तक,
टिक नहीं पायेगा,
और................ सारा राजपाट,
नेस्तनाबूद हो जायेगा।