पर्यावरण
पर्यावरण


ये पर्यावरण आज कुछ उदास है,
कहना चाहता कोई ये मुझसे बात है,
बल बुद्धि कंचन सी काया हम देते,
हर राही को है छाया हम देते,
समृद्धि का संतुलन हम है रखते,
बारिश को बुलावा हम है देते,
प्रदूषण को हम दूर है करते,
वृद्धि को हम गतिशील बनाए रखते,
फिर किया क्या हमने ऐसा पाप,
जो कर देते हो तुम हमें साफ,
पानी देने से कतराते हो,
सही से खाद भी नहीं देते हो,
अतीत हमारा अच्छा था,
भविष्य तुमने हमारा खराब किया,
हमने इसका विरोध नहीं किया,
कभी तुमसे कोई बहस नहीं किया,
आज बताओ क्या तुम्हे नहीं प्यारा,
ये सुंदर और समृद्ध-सा विश्व हमारा,
दृढ करोगे तो कुछ नहीं मुश्किल है,
हमारा तुम्हारा साथ भी मुमकिन है।
ये पर्यावरण आज कुछ उदास है,
कहना चाहता कोई मुझसे बात है।