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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Others

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Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

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" प्रतिबन्ध बना मेरा कुंडल "

" प्रतिबन्ध बना मेरा कुंडल "

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बालक थे तो मेरी माँ

कहती थी

'आग से जरा हटके रहो'

बाबा कहते थे

'लालटेन से जल जाओगे'

आँगन में ही खेलो

बाहर मत जाओ,

खेत खलिहानों में

चुड़ैल रहती है

पकड़ लिया तो

घर कैसे आओगे ?


स्कूलों में गुरु जी कहते -

'शनिचरा'नहीं भूल जाना

सबक ,पहाड़ा ,साते-भवतु

कंठस्थ तुम याद रखना

शिष्टाचार ,मृदुलता से

कभी विचलित मत होना ।


नौकरी में पोशाकों का

निरिक्षण होने लगा

सीनियर हमको कहने लगे

" शेविंग प्रतिदिन

अनिवार्य है !

चाल ,ढाल ,चुस्त हो

सर्वे सन्तु निरामया का

पाठ तुम्हें याद हो ,

देश हित ..प्रथम रहे

यूनिट ,संगठन ..दूसरा

समय मिले जो कुछ तुम्हें

परिवार का तुम सोचना।


प्रतिबन्ध बना आशीष मेरा ,

इस से ही मेरा रूप खिला !

अब नहीं मुझे ये भार लगे ,

कानों को 'कुंडल 'मिल गया !!


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