STORYMIRROR

Bhavna Jain

Others

2  

Bhavna Jain

Others

प्रकृति

प्रकृति

1 min
99

इन वादियों की खुशबू

तुम्हें बुलाती है

ये दरख्त, पानी की कल-कल

तुम्हें बुलाती है


जब भी बैठती हूँ अकेले

वो यादें, हर लम्हें मुझे घेर जाती है

कुदरत की खूबसूरती 

तेरे बिना फीकी पड़ जाती है


सीमा के प्रहरी बन कर

तुमने हर कर्तव्य निभाया है

सलाम तेरे जज्बे को

सर मैंने अपना झुकाया है


इन वादियों की सुन्दरता 

बनाये रखना ही जिन्दगी है

धरती के इस स्वर्ग को

बचाये रखना ही बन्दगी है



Rate this content
Log in