प्रिय पकवान
प्रिय पकवान
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माँ के हाथ का बना हर खाना ज़ायकेदार होता है,
घर के खाने के अलावा मुझे कुछ और पसंद नहीं आता है।
क्या जादू है माँ के हाथों में यह शब्दों में बयाँ नहीं हो सकता है,
उंगलियाँ चाटते रह जाते हैं जब पकवान माँ के हाथ के बने होते हैं।
अब जब घर से दूर बाहर रहते हैं तब,
माँ के हाथ के बने पकवान बहुत याद आते हैं,
थोड़ी आँखों में नमी और दिल में पुराने यादें भर लेते हैं।
