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Rajeshwar Mandal

Others

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Rajeshwar Mandal

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परिवर्तन

परिवर्तन

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  बहुत दिनों बाद 

  आज सरे राह मिला

  बहुत बोलने वाला 

  वो लड़का

  जो बात बात में

  बोल जाता था 

  हंसता था 

  हंसाता था 

  हंसते हंसते

  रुला जाता था 

  आज चुपचाप था

  ख़ामोश था 

  संकट में था

  शायद

  अवसाद ग्रस्त था 


  जिसकी आंखें तक 

  कभी बोल जाती थी 

  मैंने गौर किया 

  आज जुबां तक 

  नहीं खोल रहा था


  कितना प्रसिद्ध था 

  एक जमाने में 

  फसाने उसका आज 

  विपरीत था


  समय था

  मुझसे मिल कर 

  खुशियां बिखेरने का

  पर आज 

  छुप छुप कर 

  खुद को खुद में 

  समेट रहा था

  सबसे नजरे

ं 

  ऐसे बचाकर 

  कहीं कोई

  देख तो नहीं रहा 


  कुछ अटपटा 

  फिर आज

  वो बोल न दे

  सोचकर यह

  डर जाना था मुझको 

  पर आज 

  वो मुझसे ही डर रहा था 

  वो बहुत बोलने वाला लड़का

  अपने आप में सिमट रहा था 


  मैं अपलक उसे निहारता रहा 

  वो मौन सर झुकाए खड़ा रहा 

  एक प्रश्न 

  जो मुझे परेशां करता रहा 

  शरारतें और चुलबुलापन 

  उसका गया कहां 


  सारांशत: मैंने पाया 

  वाचाल लड़का में भी 

  एक उम्र के बाद 

  हो जाता है परिवर्तन 

  वो हो जाता हैं ख़ामोश 

  जिम्मेदारी तले 

  या वक्त के 

  बदलते रंग रूप

  और उसके थपेड़े तले।

      


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