प्रीतम के घर लौटने की बधाइयाँ
प्रीतम के घर लौटने की बधाइयाँ
बधाइयाँ बधाइयाँ, प्रीतम के घर लौट आने की बधाइयाँ......!
आज हर तरफ़ हर्षों उल्लास और ख़ुशी ही ख़ुशी देखी हमने,
हर तरफ़ चहल पहल, शहंशाह के आगमन में दौड़ते सबको देखा हमने,
इंसान तो क्या, हर फूल, पते और पंखड़ी को खिलते देखा हमने,
पक्षी भी पीछे ना रहे, उड़ते उड़ते किल किलारी करते उनको देखा हमने,
मौसम भी अपनी ख़ुशी छुपा ना पाया, हर पेड़ को लहराते देखा हमने,
हर तरफ़ प्यार और प्यार...! इंतज़ार खतम होते देखा हमने,
हर आँख को दीद की आस में आँसू बहाते और रोते देखा हमने,
हे प्रीतम प्यारे अब तो दरस दिखा दे, हर पल रूह को तड़पते देखा हमने,
कुछ ना माँगूँगा सिवाय दरस के, पल सिर्फ़ माँगते अपने आपको देखा हमने.....!
अर्ज़ करता हरगोविंद पल पल, दरस दिखा दे चाहे दो पल, रह नहीं पाऊँगा बिन दीद एक पल.....!
आजा अब तो दरस दिखा दे, दरस दिखा दे, दरस दिखा दे....!