प्रीत की रीत
प्रीत की रीत
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बिन प्रीत झूठा जग सारा
हर कोई ढूंढे साथी प्यारा
दुनिया लगती है बड़ी बेगानी
प्रीत की रीत है बड़ी सुहानी
जात पात का यह भेद न जाने
देखे नित नए सपने सुहाने
दिल करता अपनी मनमानी
प्रीत रीत है बड़ी सुहानी
जब मिलता है मन का मीत
चारों ओर बजता संगीत
पवित्र प्रेम की यही कहानी
प्रीत की रीत है बड़ी सुहानी
हर पल लगता है अनमोल
मीठे मीठे प्रीत के बोल
यही रीत है बड़ी पुरानी
प्रीत की रीत है बड़ी सुहानी