प्रेम
प्रेम
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पुष्पों की बनवारी मेरी ,
सौंदर्य की है बात अनोखी ।
देती हर डाली महक ऐसी ,
बहक उठी है बगिया मेरी ।
पक्षियों का मेला ऐसा ,
चहक उठा है आंगन मेरा ।
तेरा मेरा रिश्ता ऐसा,
उमड़ उठा है प्रेम मेरा ।