प्रभु प्रार्थना
प्रभु प्रार्थना
ना मांगती वरदान मैं,
मुझको मगर मेरे प्रभु
मेहनत का तू ईनाम दे,
ना रात का है डर मुझे,
लेकिन रवि की रोशनी,
जो दिन में भी अब खो रही,
लौटा दे फिर वो रोशनी,
दिन में तिमिर को थाम ले।
ना मांगती फूलों भरा हो,
लक्ष्य तक मेरा सफर,
कर्तव्य पथ पर चल सकूं,
बस काम में बीते प्रहर,
ना दौर ऐसा आए कोई,
मार्ग में पीछे हटूं,
जो चुनूं अपने लिए,
उस मार्ग में आगे बढूँ।
जब तक चले ये श्वास,
तब तक राह मैं चलती रहूँ,
जिस मोड़ पर हों बैंड आंखें,
बस उसे मंज़िल कहूँ,
मेरी इस अरदास को,
जो चाहे तू वो नाम दे,
लेकिन प्रभु जीवन को मेरे,
बस यही अंजाम दे।।
