STORYMIRROR

डॉअमृता शुक्ला

Others

3  

डॉअमृता शुक्ला

Others

पिया मिल जाए होली में

पिया मिल जाए होली में

1 min
256

पिचकारी में चाह समेटे, प्यार अबीर हथेली में।

फागुन ने रंग बिखराए, पिया मिल जाएं होली में।


गलियां फाग से गूंजे हैं,

ढोल मंजीरे की है धुन ।

भरी भीड़ में खुद को ढूंढे,

मन में होने लगी चुभन। 

कोई ऐसा आ जाए, जो पिया को लाए होली में।

फागुन ने रंग बिखराए, पिया मिल जाए होली में।


सखी बोली-सब रंग रंगे हैं,

पिया को कैसे पहचानेगी।

कहा-हृदय के तार जुड़ें हैं,

बस देर सामने आने की।

देखा तभी अचानक, बाँह पकड़ ली होली में।

फागुन ने रंग बिखराए, पिया मिल पाए होली में।



Rate this content
Log in