पिया मिल जाए होली में
पिया मिल जाए होली में
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पिचकारी में चाह समेटे, प्यार अबीर हथेली में।
फागुन ने रंग बिखराए, पिया मिल जाएं होली में।
गलियां फाग से गूंजे हैं,
ढोल मंजीरे की है धुन ।
भरी भीड़ में खुद को ढूंढे,
मन में होने लगी चुभन।
कोई ऐसा आ जाए, जो पिया को लाए होली में।
फागुन ने रंग बिखराए, पिया मिल जाए होली में।
सखी बोली-सब रंग रंगे हैं,
पिया को कैसे पहचानेगी।
कहा-हृदय के तार जुड़ें हैं,
बस देर सामने आने की।
देखा तभी अचानक, बाँह पकड़ ली होली में।
फागुन ने रंग बिखराए, पिया मिल पाए होली में।
