पिता नहीं होते विदा
पिता नहीं होते विदा
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बप्पा यदि जायें ही ना
हमें छोड़ के
कभी घर से
तो अच्छा हो ना ?
सदैव मंगल हो ना ?
पर विसर्जन में
बप्पा जाते हैं क्या ?
ऐसा हमें लगता है ना ?
पर पिता
बच्चों से दूर कभी नहीं जाते।
विसर्जन होता है उसका
जो जीवन में नहीं खपता ।
दुख ग्लानि आक्रोश कुंठा का
जो भी निभ नहीं सकता ।
जो अपना हो, कभी नहीं जाता,
बप्पा विराजते हैं मन में सदा।
