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नूपुर Noopur शांडिल्य Shandilya

Others

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नूपुर Noopur शांडिल्य Shandilya

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पिता नहीं होते विदा

पिता नहीं होते विदा

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बप्पा यदि जायें ही ना 

हमें छोड़ के

कभी घर से

तो अच्छा हो ना ?

सदैव मंगल हो ना ?


पर विसर्जन में 

बप्पा जाते हैं क्या ?

ऐसा हमें लगता है ना ?


पर पिता

बच्चों से दूर कभी नहीं जाते।


विसर्जन होता है उसका

जो जीवन में नहीं खपता ।

दुख ग्लानि आक्रोश कुंठा का

जो भी निभ नहीं सकता ।


जो अपना हो, कभी नहीं जाता,

बप्पा विराजते हैं मन में सदा।


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