फेसबुक वायरस
फेसबुक वायरस
हमें भी फेसबुक का
बुखार चढ़ गया
अंग -अंग टूटने लगे
मित्रता का वायरस
हमको जकड़ने लगे !!
दनदनाते हुए दसों
दिशाओं से
मित्रता की अर्जी
आने लगी !
हमने भी सबको
स्वीकार किया
देखते ही देखते
कौरव सेना बन गयी !!
हम भी अपनी मूंछों
पर ताव देने लगे
अपनी बाँहों को
गठीला बना के
56 इंच का सीना
दिखाने लगे !!
अपनी नयी
रचनाओं को
अपनी टाइम लाइन
पर बिखेरने लगे
किसी ने सराहा
शाबशी दी
कोई प्रशंसा की माला
पहनाने लगे !!
किसी ने तो इतना
कहा
आप महान हैं
सर्व गुण सम्पन्न
भी हमको बना दिया !
हम भी फूले ना
समाये
हमने गर्व से अपना
सीना फूला लिया !!
हम कौरव सेना के
सेनापति अपने को
समझ रहे थे !
और इन प्रशंसाओं
से हम बैलून की तरह
फूलते जा रहे थे !!
पहले तो हमारी
रचनाओं को लाइक
करके शेयर
करने लगे
बाद में पता लगा
वे महारथी निकले
मेरी रचनाओं से
मेरा नाम हटाने लगे !!
वायरस फैला कर
मित्रता को
हम भला क्या झेल पाएंगे ?
कवच, कुंडल और
गांडीव को छिन कर
मित्रता को कैसे बचायेंगे ??