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Neerja Sharma

Others

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Neerja Sharma

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ओढ़नी

ओढ़नी

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मेरी माँ मेरी ओढ़नी

दुनिया में सबसे न्यारी, 

मेरी जरूरतें पूरी होती सारी 

इससे बड़ी न छत कोई

ढकती मुझको सारी ।


कभी मुँह पौंछ लेती हूँ 

कभी मुँह छुपा लेती हूँ

न लगे मुझे कोई डर 

रहती हूँ सदा प्रसन्न

जब तक ओढनी मेरे संग।


मेरी माँ मेरा संसार 

इस ओढ़नी में

प्यार का न कोई पारा वार,

जब तक है इस ओढ़नी की छाया 

मुझको न कोई डर सताया,

डर है तो केवल यही 

यदि उड़ गई ये ओढ़नी कल

मेरा क्या होगा तब।



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