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Renu Singh

Others

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Renu Singh

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नृत्यांगना

नृत्यांगना

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प्रातः की सूर्य किरण ने

गर्भगृह में किया प्रवेश

पुजारी ने भी देव जागरण का

दिया सन्देश

नृत्यांगना आत्मलीन हो

देव सम्मुख

नृत्य मुद्राओं से करने लगी वंदन

पायल की रुनझुन और मोहक मुद्राओं से कर रही नर्तन

संगीतकार भी देव प्रतिमा सम्मुख बैठ

संगीत की मधुर स्वर लहरी से कर रहा था आराधन

शिल्पकार भी एक छेनी से तराश रहा था पाहन

हृदय जनित भक्ति भावना का

कर रहा था मूर्ति में समर्पण

आश्चर्य से देख रहे थे देव

विराजे गर्भगृह में मन्दिर के

कलाओं की अनुपम

सम्मिलित मधुर रचना

संगीतकार की तान की संगत थी

नृत्यांगना की तिर्यक भंगिमा थी

शिल्पकार की छेनी बना रही थी

उसकी अनुपम प्रतिमा

आलाप रुका नृत्य थमा

रुक गई छेनी की छन छन भी

प्रभु थे अचम्भित

मन्दिर के प्रांगण में

संगीत की लय ताल पर

नृत्यलीन मोहिनी की

देख सुंदर प्रस्तर प्रतिमा ।


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