ननिहाल !
ननिहाल !
बच्चों की छुट्टियों में ही
अपना बचपन खोज लाएं
चलो ननिहाल घूम आएं
पड़ती थी जो छुट्टियां मई जून की
नाना नानी मामा मामी
इसी रिश्ते का शहर ढूंढ लाएं
अपना ननिहाल घूम आएं
हो कोई न रोक टोक
कच्चे पक्के आम लगते थे जहाँ
दुपहरी की तेज धूप भी न रोके कदम
थोड़ी ऑरेंज वाली आइसक्रीम चख के आएं
अपना ननिहाल घूम आएं
चाचा चौधरी बिल्लू पिंकी की
कॉमिक्स पढ़ते जाएं
दूरदर्शन सा कोई सिर्फ एक चैनल पाएं
अपना ननिहाल घूम आएं
समय इस गति से बीता
न नाना रहे न नानी
न ही बचा ननिहाल
अपने मे व्यस्त सब के सब हो गए
डिश ने जगह ली एक दूरदर्शन की
कॉमिक्स आम के बगीचे और
ऑरेंज आइसक्रीम अब किताबों की
कहानियों से लगते हैं
मोबाइल टैब लैपटॉप से निकलते हैं
पात्र बच्चों के पसन्द के
दौर बदल गए मायने
बदल गए गर्मी की छुट्टियों
कहां से ननिहाल घूम के आएं
अपनी छुट्टियां तो बेहतरीन
गुजरी हैं ननिहाल में
महीने सवा महीने
नाना नानी के साये में बेफिक्री में
पर अब का हिसाब अलग है
जाने क्या बदला समझ से परे है
कोई शायद ही रह पाता हो
महीने सवा महीने
जैसे पहले हो ही जाता था
जब गर्मी की छुट्टी शुरू
होते ही एक ख्याल आता था
चलो ननिहाल घूम आएं !