नज़रिया
नज़रिया
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जिंदगी सही मायने में
बड़ी खूबसूरत तो है
पर समझने के लिए इसे
ज़रा धैर्य की जरूरत है
ग़म और नाकामयाबी में
अक्सर अर्थहीन सी लगती है
सिर्फ़ निराशा और उदासी से
भारी सी लगती है बड़ी
मुश्किल में उम्मीद ही
बनती है आगे बढ़ने की कड़ी
पर ज़रा गौर तो फरमाइए
नज़रिया बदलिए तो सही
तो बेइंतहा उम्मीद से भरी है जिंदगी
बस नज़रिए को बदलिए तो सही।