नजरें मुड़ ही गयीं
नजरें मुड़ ही गयीं
1 min
139
प्यार से देखने पर सहम गए आप,
जैसे आप को देख कर किया मैंने पाप।
भले ही बाद में आप सहज हो गई थीं मुझसे,
तब तक आपने मुझे मेरी नजरों में वहसी बना दिया था।
ईश्वर की कसम है, मैं तब भी साफ नजरों से देखता था।
पर आज ईर्ष्या सी हो गई है मुझे आपसे।