नजरें मुड़ ही गयीं
नजरें मुड़ ही गयीं
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प्यार से देखने पर सहम गए आप,
जैसे आप को देख कर किया मैंने पाप।
भले ही बाद में आप सहज हो गई थीं मुझसे,
तब तक आपने मुझे मेरी नजरों में वहसी बना दिया था।
ईश्वर की कसम है, मैं तब भी साफ नजरों से देखता था।
पर आज ईर्ष्या सी हो गई है मुझे आपसे।
