निर्दोषों को सज़ा मिलती है
निर्दोषों को सज़ा मिलती है
अनहोनी जहां होती है,
होनी वहां से टल जाती है!
हर जुबां कुछ बयां करती है,
आरोप किसी न किसी पर गढ़ती है!
सड़क दुर्घटना हो या हो
रंजिश का कोई मामला
सड़क तक आकर बानगी बन जाती है,
हर जुबां एक दूजे से कुछ न कुछ कह जाती है!
जब यह बात थाने तक पहुंचती है,
फिर अखबारों की यह रपट बनती है!
बाद उसके यह मामला
कचहरी में लंबी जिरह चलती है!
पीड़ित की चप्पल घिस जाती है,
वकील की पौ बारह होती है !
लंबी वर्षों बाद मामला सुलझती है
मालूम होता है निर्दोषों को सज़ा मिलती है !
