नौकरी
नौकरी
बड़ी हसीन होगी तू ए ! नौकरी
सारे युवा आज तुझपे ही मरते है,
सुख- चैन खोकर, चटाई पर सोकर,
सारी रात जग कर पन्ने पलटते है,
दिन में तहरी और रात में मैगी,
आधे पेट ही खाकर तेरा नाम जपते है।
सारे युवा आज तुझपे ही मरते है॥
अंजान शहर में छोटा सस्ता रूम ले के,
किचन बेडरूम सब उसी में सहेज के,
चाहत में तेरी अपने माँ- बाप और
दोस्तों से दूर रहते है।
सारे युवा आज तुझपे ही मरते है॥
राशन की गठरी सिट पर उठाये,
अपनी मायूसी और मजबूरी या खुद ही
छुपाये खचाखच भरे ट्रेन में बिना
टिकिट में रिस्क ले के सफर करते है।
सारे युवा आज तुझपे ही मरते है ॥
इंटरनेट अख़बारों में तुझको तलाशते,
तेरे लिए पत्र-पत्रिकायें पढ़ते-पढ़ते
बतीस साल तक के जवान कुंवारे फिरते है,
तू कितनी हसीन है ऐ ! नौकरी
सारे युवा आज तूझपे ही मरते है॥
