STORYMIRROR

Akanksha Gupta (Vedantika)

Others

3  

Akanksha Gupta (Vedantika)

Others

नारी तो होती पराई

नारी तो होती पराई

1 min
265

एक नारी के अवतार में,

ईश्वर ने सृष्टि रचाई।

फिर भी समाज क्यों कहे,

कि नारी तो होती पराई।


एक बेटी जन्म लेकर,

पिता के घर खुशियाँ लाई।

फिर भी समाज क्यों कहे,

कि नारी तो होती पराई।


एक बहन बन जिसने,

भाई की कलाई सजाई।

फिर भी समाज क्यों कहे,

कि नारी तो होती पराई।


एक बहन के साथ,

जिसने की मीठी लड़ाई।

फिर भी समाज क्यों कहे,

कि नारी तो होती पराई।


दूसरे घर जाकर जिसने,

दूसरी दुनिया बसाई।

फिर भी समाज क्यों कहे,

कि नारी तो होती पराई।


एक माँ बनकर जिसने,

एक नई जिंदगी उपजाई।

फिर भी समाज क्यों कहे,

कि नारी तो होती पराई।


समय बदला सोच नही,

जो कल था आज वही।

इन बन्धनों में बँधकर,

जिसने जिम्मेदारी निभाई।

फिर भी समाज क्यों कहे,

कि नारी तो होती पराई।


Rate this content
Log in