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Ritu asooja

Others

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Ritu asooja

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नारी सम्मान

नारी सम्मान

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आज बेटी बहुत आक्रोश में थी।

वो जानती थी मेरी मां का कोई कसूर नहीं है,

मेरी मां ने कभी मुझे किसी काम के लिए नहीं रोका

किसी भी काम को करने की पूरी आजादी दी है,

फिर भी बार-बार एहसास दिलाया है बेटी तुम लड़की हो, ज़रा सम्भल कर...

ज़रा सम्भल कर...


क्यों हर बार हम लड़कियां ही क्यों,

क्या लड़की होना कोई अपराध है क्या?

अरे लड़कियां नहीं होंगी तो यह दुनियां चल पाएगी

क्या यह दुनियां सिर्फ लड़कों से चलती है,

अगर नहीं तो फिर क्यों ये अन्तर।

लड़कियों की कोमलता को कमजोरी समझने वालों,

यही लड़कियां जब दुर्गा, काली का

अवतार लेती हैं तब क्या होता है

इतिहास इसका गवाह हैं।


मां लड़कों के साथ कांधे से कांधा मिलाकर चलने वाली

लड़कियां लड़कों से हर कदम में आगे हैं

मां इन लड़कों को बचपन से ही शिक्षा की आवश्यकता है

की वो हर लड़की का सम्मान करें

और अपने पुरुषत्व का सही उपयोग करें।


वो शेर हैं तो हम शेरनियां...

मां इस देश की एक जिम्मेदार मंत्री बन पुरुष द्वारा

किसी भी महिला के शोषण और अपमान के लिए

कठिन सजा का नियम बनाऊंगी

और यह सजा किसी भी वर्ग के लिए समान होगी।


मां अगर लड़के और लड़कियां दोनो समाज की गाड़ी के दो पहिए है

तो दोनो का सम्मान एक समान होना चाहिए...

मां जंगली खूंखार जानवरों का अंत करना

अब अति आवश्यक हो गया है।


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