नारी जाति का असम्मान
नारी जाति का असम्मान
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सती नारी का असम्मान अपमान करना
जीवन में विनाश को आमंत्रण देना
इतिहास या पुराण कथा के पन्ने खोल के पढ़ें
जब जब नारी का हुआ है अपमान
तब तब बंश, परिबार, समाज, देश में
तबाही, बर्बादी, विनाश,अशांति आयी है
खून की नदी बहा है कितने जीवन का अंत हुआ है ।
अतः नारी के सम्मान व मर्यादा को
कभी हानि ना पहुंचायें।