नानी की कहानी
नानी की कहानी
नानी की पसंदीदा कहानी
होगी किसी राजा -रानी की
मेरे होश में आने से पहले
दुनिया वो छोड़ चुकीं थी।
नहीं सुनी कोई कहानी
न सुनी कोई कविता उनसे
पर चर्चा उनकी होती थी
माँ की हर बात में।
फ़ोटो उनकी देखी है
माँ जैसी ही दिखती थीं
समृद्ध परिवार में जन्मी थी
ससुराल में हवेली वाली थीं।
शाहनी सब उनको कहते थे
गाँव में सबकी साथिन थी
दिल की बड़ी दिलेर थीं
सबका ख़्याल रखती थी।
माँ ने यह बताया था
घरेलू नुस्खों से डाक्टर थीं
नहीं पढ़ी लिखी ज़्यादा थीं
पर अनुभवों से गढ़ी थी।<
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गुणी माँ का जीवन बताता
है कहानी
कितनी सर्वगुण सम्पन्न रही
होंगी नानी।
यह हमारी नानी का प्रताप है
जो मिली संस्कारी माँ
उनके संस्कारों से पल्लवित
सफल व प्रफुल्लित हैं हम।
हवेली हमारी आबाद है
यह उनका आशीर्वाद है
आज भी हम जाते हैं
नानी व बाऊजी के क़िस्से
सुनते हैं।
पुरानी हवेली आज भी
वैसी है
नाना-नानी की गाढ़ी
कमाई मढ़ी है।
दोस्तों
उनकी कविता न कह सकी
अपनी आपको सुना दी
नानी हमारी
शाहनी हमारी