नाम और बदनाम
नाम और बदनाम


तुम जितना मुझे बदनाम करोगे,
मैं उतना ही नाम करूँगी।
बदनाम करते करते थक जाओगे।
कुछ ऐसा ही मैं काम करुँगी।
वक्त चाहिए मुझे नाम करने में,
तभी बदनाम करने का मौका मिलेगा
और जब बदनाम होंगे हम तो,
कुछ को खुशियों का तोहफा मिलेगा।
नाम कमाते हम है और,
बदनाम कोई और कर जाता है।
और जो होता है बदनाम,
वही तो कुछ नाम कमाता है।
जो नाम न करें खुद का,
वो दुसरो को बदनाम करते है।
दुनिया करती है बदनाम उन्हें,
जो खुद का नाम करते है।
मैं तो होती रही बदनाम,
वो मेरे नाम होने से डरते थे।
उन्हें खबर नही बदनामी में भी,
वो हमारा ही नाम करते थे।