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Ramanpreet -

Others

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मुस्कान का नशा

मुस्कान का नशा

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हर पल हर शक्स को मुस्कान पाने की चाह है

वो एक मुस्कान जिसमें ज़िंदगी जीने का नशा है


जो माँ के आँचल से लिपटी अठखेलियों में बसा है

बाबा की दुलार भरी हथेलियों में छुपा है


बहन / भाई की प्यारी सी पहेलियों से बना है

आज भी मुझे इस नशे की चाह है

आज भी मुझे इस नशे की चाह है


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