मुख शोभित मुस्कान
मुख शोभित मुस्कान
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मुख शोभित मुस्कान हो,आंखों झलके नेह।
वाणी मीठी शहद सी,उर ईश्वर का गेह।
उर ईश्वर का गेह,सदा ही पर दुख कातर।
मन संवेदनशील,दृष्टि में रहे समादर।
पर धन मिट्टी ढेल,ह्रदय पर सद्गुण लोभित।
शुभ चिंतक शुभ काम,शांति शुभता मुख शोभित।
