मत लड़ाओ भाई -भाई से
मत लड़ाओ भाई -भाई से
आके हमारे कानों में
किसी ने धीरे से कहा
आखिर कब तक तुम यूँ
लेटे रहोगे दिन भर ?
क्या तुम्हें कोई खबर नहीं
कि क्या हो गया
हमारे खून ने ही हमको
कर दिया जर जर !!
होली -रमजान ,दीवाली
- ईद हमारे पर्व थे ,
एक ही आँगन में सदा
हम खेला करते थे !
नफरत की आंधी भला
किसने चलाई यहाँ
प्यार जहाँ एक दुसरे को
ही किया करते थे !!
देश हमारा सभी लोंगों के
दिलों में बसता है
इसकी रक्षा कोई
एक कौम नहीं करता है !
हर धर्म हर जाति हर
मज़हब के ह्रदयों में
वर्षों से हिंदुस्तानियों
के दिलों में रहता है !!
अपने गुनाहों को
छुपाने के लिए एक दूसरे
पर हम निरंतर आक्रमण
सदा करते रहते हैं !
हम ठीक हैं
देश भक्त हैं
दूसरे तो देशद्रोही
देश को बेचने का
आरोप सब दिन गढ़ते हैं !!
सुना है हमने कि
आपकी लेखनी में दम है
आप इनको भी सही
रास्ता दिखा सकते हैं !
अब आप अपनी नींद से
जग जाइये तो सही
हुनर है आप में इन्हें
एहसास करा सकते हैं !!
