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Amol Nanekar

Others

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Amol Nanekar

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मर्द

मर्द

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अपनों की खुशियों के लिए वो झुठ बोलते हैं

शायद इसीलिए मर्द सच्चे नहीं होते 

बच्चों के सपने उन्हें जल्द घर आने नहीं देते

शायद इसीलिए मर्द अच्छे नहीं होते 

जिम्मेदारी के बोझ में वो इतना खो जाते हैं की

 उसके ही घर में उसके किस्से नहीं होते 

अपनों के लिए खुदकी खुशियों का वो गला घोंट देते हैं

हरबार गलती करनेवाले वो बच्चे नहीं होते

चांद में बेटी, बेटेे में खुदा को वो देखते हैं

वर्ना वो दर्द सहने में इतने कठोर नहीं होते

आज इतिहास तो दोहराता हैं खुदको लेकिन

इसमें कभी मर्द नाम के किरदार नहीं होते 



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