चुहिया की नानी ! चुहिया की नानी !
धीरे से मैंने दिल में कहा और खिड़की बंद करदी। धीरे से मैंने दिल में कहा और खिड़की बंद करदी।
क्लासिक व्यंग्य/ वर्तमान भारत की तथा-कथा. आजादी के पहले और आजादी के बाद महात्मा गाँधी के योगदान को व... क्लासिक व्यंग्य/ वर्तमान भारत की तथा-कथा. आजादी के पहले और आजादी के बाद महात्मा ...
मैं पुरूष, बंदर हूं उस मदारी का, जिसका नाम नारी है! मैं पुरूष, बंदर हूं उस मदारी का, जिसका नाम नारी है!