मोबाइल
मोबाइल
बड़े -बूढ़े तो सभी इसको जानते ही हैं,
पर अब तो बच्चे भी इसके पीछे भागते हैं।
उदास जहाँ भी जो भी बैठा होता है,
इसे देखकर वह भी हँस पड़ता है।
सब कुछ अब तो इस पर ही मिलता है,
एक दिन यह ना मिले तो दिन नहीं चलता है।
खाने से लेकर सब कुछ यह दिखाता है,
ना जाने इतना यह सबको क्यों भाता है।
टी वी ना हो तो टी वी बन जाता है,
फिल्मों से कार्टून तक,सब दिखाता है।
सर्च करने की देरी होती है इस पर,
सब कुछ अपने आप निकल आता है।
जो हद से ज्यादा इस्तेमाल इसका करता है,
वह अपनी आँखों की रोशनी खोता है।
सही इस्तेमाल इसका करना चाहिए,
यह कौन है? अब बताती हूँ चलिए।
देखते ही चेहरे पर आ जाती है स्माइल,
बात उसी की है जिसे कहते हैं मोबाइल।
