मंगल यात्रा
मंगल यात्रा
रॉकेट में बैठ के लल्लम जी
चले ग्रह मंगल को ओर
तेज धमाका हुआ एक
रॉकेट छूटा बिलकुल भोर
रॉकेट के चालक थे छुट्टन
ट्रेनिंग पाए थे एक साल
रूस में जाकर सीखा था
कैसे यान को जाता संभाल
पृथ्वी की कक्षा से निकले
पृथ्वी होने लगी छोटी
दृश्य बड़ा मनोरम था
अब खोली अपनी पेटी
इसके बाद अलग हुआ
मुख्य यान बड़े रॉकेट से
फिर आगे क्या करना है
पढ़ा उन्होंने डॉकेट से
मंगल ग्रह की तरफ जाना
लम्बी यात्रा पूरे बरस की
मिशन बड़ा था पेचीदा
हिम्मत से बड़ी सरस की
अब मंगल की कक्षा में
अन्दर को चले तकनीक से
पहली बार एक नया तरीका
अपनाया हट कर लीक से
चारों तरफ खुले बैलून
हो गयी मंगल पर लैंडिंग
अपने छुट्टन, लल्लम जी
करने लगे वहाँ पर वांडरिंग
एक लगती ये साइंस फिक्शन
सच्चाई होगी पर जल्दी ही
इस दुनिया के आम लोग भी
मंगल को पहुंचेंगे जल्दी ही।
