STORYMIRROR

Dr. Priya Kanaujia

Others

2  

Dr. Priya Kanaujia

Others

मन मयूर

मन मयूर

1 min
246

महक जाती हैं धरती जब

बरसती हैं बूँदें उसपर बारिश की

दौड़ जाते हैं खानें को हम

पकौड़ें चुस्कियों के साथ चाय की

नाचते कूदते रहते हैं

बारिश की बूँदों पे देकर के ताल जब हम

यादें अभी भी जहन में रखी हैं

बसा कागज की कश्तियों की

घुमड़-2 कर आते हैं बादल

बरसा जातें हैं अपना प्यार हम पे

बन जातें हम मयूर जंगल के और

अपनी छत पर रहते नाचते



Rate this content
Log in